रामस्वामि शास्त्री एवं विघ्नेश घनपाठी
Sunday, October 25, 2015
दर्भ ( कूशा ) का महत्व
इन्द्र ने जब वृत्रासुर को मारा उसका भीमाकार लाश चारों ओर बदबू निकालता हुआ समुद्र की ओर बहने लगा | जल के कुछ भाग भयभीत होकर ऊपर ऊपर से बहने लगा | उस पवित्र जल से दर्भ उत्पन्न हुए | इसलिए दर्भ को सर्वदा पवित्र मानते हैं |
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