संकल्पेन विना कर्म यत्किञ्चित्कुरुते नरः |
फलं चाप्यल्पकं तस्य धर्मस्यार्धक्षयो भवेत् || ( भविष्यपुराणम् )
संकल्प के विना जो कुछ भी कर्म किया जाता है उसका फल बहुत ही थोडा होता है और आधे पुण्य क क्षय हो जाता है |
फलं चाप्यल्पकं तस्य धर्मस्यार्धक्षयो भवेत् || ( भविष्यपुराणम् )
संकल्प के विना जो कुछ भी कर्म किया जाता है उसका फल बहुत ही थोडा होता है और आधे पुण्य क क्षय हो जाता है |